नई दिल्ली | अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस ( International Nurses Day ) दुनियाभर में हर साल 12 मई को
नोबल नर्सिंग सेवा की शुरूआत करने वाली ‘फ्लोरेन्स नाइटिंगेल' के जन्मदिन पर मनाया जाता है। फ्लोरेन्स नाइटिंगेल ( Florence Nightingale ) को आधुनिक नर्सिग आन्दोलन का जन्मदाता माना जाता है। दया और सेवा की प्रतिमूर्ति फ्लोरेंस नाइटिंगेल ‘द लेडी विद द लैंप’ ( The Lady with the Lamp ) यानी कि ‘दीपक वाली महिला’ के नाम से प्रसिद्ध हैं।
ऐसे हुई नर्स डे की शुरूआत
अंतर्राष्ट्रीय नर्स परिषद ( ICN ) ने 1965 से इस दिन को मनाया है। 1953 में अमेरिकी स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के एक अधिकारी डोरोथी सदरलैंड ने प्रस्तावित किया कि Dwight D. Eisenhower ‘नर्स दिवस’ की घोषणा करें, लेकिन उन्होंने इसे मंजूर नहीं किया। जनवरी 1974 में 12 मई को इस दिन को मनाने के लिए चुना गया था क्योंकि यह आधुनिक नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्मदिन है। हर साल ICN अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस किट तैयार करता है और वितरित करता है। किट में हर जगह नर्सों द्वारा उपयोग के लिए शैक्षिक और सार्वजनिक सूचना सामग्री शामिल होती है। current news today in hindi
फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म एक समृद्ध और उच्चवर्गीय ब्रिटिश परिवार में हुआ था। लेकिन उच्च कुल में जन्मी फ्लोरेंस ने सेवा का मार्ग चुना। 1845 में परिवार के तमाम विरोधों और क्रोध के पश्चात भी उन्होंने अभावग्रस्त लोगों की सेवा का व्रत लिया। दिसंबर 1844 में उन्होंने चिकित्सा सुविधाओं को सुधारने बनाने का कार्यक्रम आरंभ किया था। बाद में रोम के प्रखर राजनेता सिडनी हर्बर्ट से उनकी मित्रता हुई।
लेडी विद द लैंप की उपाधि से सम्मानित
नर्सिग के अलावा लेखन ( Writing ) पर उनका पूरा ध्यान रहा। फ्लोरेंस का सबसे महत्वपूर्ण योगदान क्रीमिया के युद्ध में रहा। अक्टूबर 1854 में उन्होंने 38 स्त्रियों का एक दल घायलों की सेवा के लिए तुर्की भेजा। इस समय किए गए उनके सेवा कार्यो के लिए ही उन्होंने ‘लेडी विद द लैंप’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। जब चिकित्सक चले जाते तब वह रात के गहन अंधेरे में मोमबत्ती जलाकर घायलों की सेवा के लिए उपस्थित हो जाती। लेकिन युद्ध में घायलों की सेवा सुश्रूषा के दौरान मिले गंभीर संक्रमण ने उन्हें जकड़ लिया था।
नोट्स ऑन नर्सिग पुस्तक
1859 में फ्लोरेंस ने सेंट थॉमस अस्पताल ( St. Thomas Hospital ) में एक नाइटिंगेल प्रक्षिक्षण विद्यालय की स्थापना की। इसी बीच उन्होंने नोट्स ऑन नर्सिग पुस्तक ( Notes on Nursing Book ) लिखी। जीवन का बाकी समय उन्होंने नर्सिग के कार्य को बढ़ाने व इसे आधुनिक रूप देने में बिताया। 1869 में उन्हें महारानी विक्टोरिया ने रॉयल रेड क्रॉस से सम्मानित किया। 90 वर्ष की आयु में 13 अगस्त 1910 को उनका निधन हो गया। Hindi News
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