नई दिल्ली | मोती ( Pearl ) का निर्माण घोंघा नामक जन्तु से होता है। जिसे मॉलस्क ( Mollusca ) कहते हैं, अपने शरीर से निकलने वाले एक चिकने तरल पदार्थ द्वारा अपने घर का निर्माण करता है। घोंघे के घर को सीपी कहते हैं। इसके अन्दर वह अपने शत्रुओं से भी सुरक्षित रहता है। घोंघों की हजारों किस्में हैं और उनके शेल भी विभिन्न रंगों जैसे गुलाबी, लाल, पीले, नारंगी, भूरे और अन्य और भी रंगों के होते हैं और ये बहुत ही ज्यादा आकर्षक होते हैं। World news in Hindi Samachar घोंघों की मोती बनाने वाली किस्म बाइवाल्वज कहलाती है इसमें से भी ओएस्टर घोंघा सर्वाधिक मोती बनाता है। मोती बनाना भी एक मजेदार प्रक्रिया है। वायु, जल और भोजन की आवश्यकता पूर्ति के लिए कभी-कभी घोंघे जब अपने शेल के द्वार खोलते हैं तो कुछ विजातीय पदार्थ जैसे रेत कण कीड़े-मकोड़े आदि उस खुले मुंह में प्रवेश कर जाते हैं। घोंघा अपनी त्वचा से निकलने वाले चिकने तरल पदार्थ द्वारा उस विजातीय पदार्थ पर परतें चढ़ाने लगता है। सबसे कीमती मोती का निर्माण सबसे कीमती मोती जंगल में खुद-ब-खुद ही उत्पन्न होते हैं लेकिन यह अत्यंत दुर्लभहोते हैं। इन जंगली मोत